बानरहाट प्रतिनिधि : विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा चुनावों के दौरान बानरहाट को प्रखंड का दर्जा दिए जाने का उठने वाला मुद्दा एक बार फिर ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है । आलम यह है की आज कोई भी दल इस मुद्दे के बारे में चर्चा करने पर दुसरे दल को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। राजनैतिक दलों के इस व्यहार से साधारण लोगों में रोष व्यापत है।
गौरतलब है की धुपगुड़ी प्रखंड अधीन बानरहाट एक व दो नम्बर , चामुर्ची,बिन्नागुडी, sहकुअझोरा एक नंबर,शालबारी एक व दो नंबर के ग्राम पंचायतों को मिलाकर बानरहाट को प्रखंड घोषित करने की मांग इलाके में एक लंबे अरसे से चली आ रही है। कई दफा इस मांग को लेकर प्रसाशनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे जा चुके है । किंतु परिस्थिति जस की तस बनी हुई है। इससे इस मुद्दे को उठाने वाले राजनैतिक दलों का मानना था की इस मांग के पुरे होने से बानरहाट इलाके का सर्वांगीं विकाश होने के साथ ही इलाके में बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल होगी। किंतु इलाके के लोगों को सुनहरे सपने दिखाने वाले इन्ही दलों के नेतागण आज इस मुद्दे को भूल चुके हैं।
इस सन्दर्भ में बानरहाट कांग्रेस के ब्लाक सभापति बलराम राय से चर्चा करने पर उन्होंने बताया की बानरहाट को प्रखंड घोषित करने की मांग सर्व प्रथम बानरहाट ब्लाक कांग्रेस ने उठाये थे । किंतु चुनाव आयोग द्वारा लागु किए गए नए पुनर्विन्यास व्यवस्था की वजह से इस मुद्दे को पुरा करने में बाधा आ रही है। और इसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने एक बार फिर यह दावा किया की इस मांग को ले कर पहली बार कांग्रेस ने ही आवाज बुलंद की थी एवं आनेवाले दिनों में भी इसके लिए आवाज उठाती रहेगी। दूसरी तरफ़ बानरहाट व्यवसायी समिति के सचिव विजय बरुआ ने बताया की भले राजनैतिक दलों ने इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया हो किंतु व्यवसायी समिति इस मांग को bhulane वाली नही है एवं इसके लिए prasaasanik aadhikaarion से baatchit जारी है।
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