बानरहाट तृणमूल कांग्रेस द्वारा बानरहाट एक नंबर ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरने की चेतावानी को नज़र में रखते हुए सौमिक भट्टाचार्य को ग्राम सेवक के पद पर नियुक्त कर लिया गया। एक लम्बी लडाई के बाद इस नौकरी को पाकर सौमिक व उसके परिवार के सदस्यों में खुशी की लहर दौर गई।
गौरतलब है की उक्त युवक को ३१/०७/२००८ को बानरहाट थाना अधीन एक नम्बर ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत ग्राम सेवक के पद पर नियुक्त करने का आदेश धुपगुरी प्रखंड के विकाश पदाधिकारी ने जारी किया था। किंतु किन्ही अज्ञात कारणों की वजह से इस ग्राम पंचायत में उक्त युवक को इस पद को ग्रहण करने नही दिया जा रहा था। अपनी इस आप बीती के सन्दर्भ में सौमिक ने बताया की इस नौकरी के पाते ही उसने अपने परिवार के लिए कई सपने संजोये थे । किंतु ग्राम पंचायत द्वारा मना किए जाने की वजह से वह मायुश हो गया था और उसने मदद के लिए सभी प्रसासनिक आधिकारियों से गुहार भी लगाई थी किंतु नतीजा सिफर ही निकला था। अंत में उसने बानरहाट युवा तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्तायों से मदद की अपील की जिसकी वजह से वह आज हकीकत में इस पद को प्राप्त कर सका। सौमिक ने इन कार्यकर्तायों को उनके सहयोग के लिए धन्यबाद भी दिया।
सौमिक की इस लड़ाई में सहयोग करने वाले युवा नेता नयन दता ने बताया की माकपा संचालित इस पंचायत के प्रधान राजनैतिक उद्देश्यों से प्रेरित हो कर सौमिक को उसके अधिकारों से वंचित कर रहे थे इस लिए तृणमूल कांग्रेस ने उनके ख़िलाफ़ आन्दोलन पर जाने की चेतावनी दी थी जिसके तहत आज सुबह ही कार्यकर्तायों ने पंचायत कार्यालय में ताला लगा दिया था किंतु पुलिस व प्रखंड के विकास पदाधिकारी द्वारा आज ही सौमिक को नियुक्त करने के आश्वासन के बाद यह आन्दोलन वापस ले लिया गया जिसके पश्चात् सौमिक को उसके पद का भार सौंप दिया गया। इस पुरे प्रकरण के सन्दर्भ में पंचायत के प्रधान से सम्पर्क करने का प्रयास करने के बावजूद संपर्क न हो सका।
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