
जलपाईगुड़ी जिले के मोराघाट चाय बगान के नजदीक मालगाड़ी के धक्के से हुई सात हाथियों की मौत से भले ही राज्य के मुख्यमंत्री शोकाहात हो , लेकिन केंद्र सरकार से उस रुट पर रात में ट्रेन ना चलाने की अर्जी देकर उन्होंने एक बार फिर डुआर्स को रेल सेवा से वंचित रखने की पहल की है। गौरतलब है की जिले के बानारहाट और बिन्नागुड़ी रेल स्टेशनों के बीच इस माह की २३ तारीख को तड़के मालगाड़ी के धक्के से सात हाथियों की मौत हो गयी थी। इस दुर्घटना में मौके पर ही सात हाथियों की मौत हुई थी जिसके बाद स्वयं को पर्यावरण प्रेमी कहने वाले संगठनो ने रेल मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराते हुए भरसक आलोचना की थी किन्तु कोई भी यह कहने का साहस न उठा सका की इस घटना के लिए रेल मंत्रालय के साथ - साथ वन विभाग भी सामान रूप से दोषी है, क्यों की जब हाथियों का झुण्ड जंगल से निकल कर जन वस्तियों की और बढ रहा था तब वन विभाग के कर्मचारी कहाँ सो रहे थे। क्यों नहीं समय रहते रेल को इसकी सूचना दी गयी और इस घटना को बचाया जा सकता था।
दूसरी ओरपिछड़े इलाको की गिनती में आने वाले डूआर्स के विकाश की यात्रा हाल ही में शुरू हुई है इसके बाद भी राज्य के मुख्य मंत्री का ऐसाबयान यहाँ के लोगों के मन को दुखी करता है ।
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