लगभग ३०० छात्रों के चामुर्ची के भारती पाठशाला में दाखिल करने की कारवाई जल्द ही सुरु न होने की स्थिति में अखिल भारतीय आदिवासी विकाश परिषद् की बानरहाट शाखा बड़े आन्दोलन की राह अपनाएगी । उक्त आश्य की जानकारी परिषद् के बानरहाट शाखा के कार्यकारी सभापति पारशनाथ बराइक ने दी है। श्री बराइक के इन वक्तव्यों का समर्थन करते हुए सचिव विनोद तिग्गा ने चेतावनी दी है की स्थिति ख़राब होने पर इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ही होगी।
गौर तलब है की कुछ दिन पहले ही परिषद् की इस शाखा के कर्मियों ने इन ३०० छात्र -छात्राओं के उक्त विद्यालय में भर्तिकी मांग को लेकर आन्दोलन करते हुए विद्यालय में विरोध प्रदर्शन के साथ सभी सरकारी दफ्तरों व विद्यायलयों में एक दिन का प्रतिकी बंद का पालन किया था। साथ ही सभी छात्रों की भर्ति हेतु जिला प्रशासन से जल्द कदम उठाने की मांग की थी जिसके बाद जिला प्रशासन ने समस्या के जल्द समाधान करने का आश्वासन भी दिया था। किंतु परिस्थिति जस की तस बनी हुई है।
अपनी मांगो के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री बराइक व तिग्गा ने बताया की डूआर्स को अनुसूचित जन जाती वाला क्षेत्र घोषित किए जाने के बावजूद यहाँ हर कदम पर वंचना की तस्वीर देखने को मिलती है व स्कूल भी इससे अछूते नही है। इस लिए परिषद् ने इन विद्यार्थियोंब की समस्या को देखते हुए आन्दोलन की रह अपनाई है । उन्होंने बताया की प्रसासनिक अधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों में इस समस्या को गंभीरता के साथ परिषद् ने उठाया है किंतु किसी ने इस ओर ध्यान नही दिया है जिसकी वजह से परिषद् आन्दोलन की रह अपना रहा है। श्री तिग्गा के अनुसार अगर जल्द ही इस समस्या के समाधान के अधिकारियों ने सार्थक कदम नही उठाये तो परिषद् वृहतर आन्दोलन छेड़नेके लिए मजबूर हो जायेगा।
परिषद् की इस मांग के सन्दर्भ में धुपगुरी प्रखंड के विकाश पदाधिकारी हरदीप सिंह से चर्चा करने पर उन्होंने बताया की चामुर्ची भारती पाठशाला को उन्नत करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है किंतु इस से पहले ही इन छात्रों की भर्ति की प्रक्रिया आरम्भ करने का निर्देश जिला के शिक्षा दफ्तर को दिए गए है व जल्द ही इसके नतीजे सामने आयेंगे।
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